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“घर की सफाई से निकली करोड़ों की दौलत: पुरानी पासबुक ने बदल दी किस्मत”


घर की सफाई करते वक्त कई बार पुराने कागजात, तस्वीरें, चिट्ठियाँ और अन्य वस्तुएं सामने आती हैं। लेकिन अगर इसी सफाई के दौरान आपको करोड़ों की संपत्ति मिल जाए तो? कुछ ऐसा ही हुआ चिली (Chile) के एक व्यक्ति के साथ। यह कहानी किसी फिल्म की नहीं बल्कि वास्तविकता की है, जिसमें एक साधारण सी सफाई ने एक व्यक्ति की किस्मत ही बदल दी। इस अद्भुत घटना ने यह साबित किया कि पुराने कागजों में छिपी हो सकती है एक बड़ी दौलत और यह कहानी अब दुनिया भर में चर्चा का विषय बन चुकी है।

62 साल पुरानी पासबुक ने बदल दी जिंदगी

चिली के एक्सेक्वियल हिनोजोसा (Exequiel Hinojosa) अपने घर के पुराने दस्तावेज़ों को साफ कर रहे थे, तभी उन्हें एक पुरानी, धूल से सनी पासबुक मिली। यह पासबुक उनके दिवंगत पिता की थी, जो 62 साल पुरानी थी। शुरुआत में हिनोजोसा ने इसे किसी बेकार चीज़ की तरह देखा और इसे फेंकने का सोचा, लेकिन पासबुक पर लिखे हुए “स्टेट गारंटी” शब्द ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया। “स्टेट गारंटी” का मतलब था कि अगर बैंक बंद हो जाए तो भी सरकार उस पैसे को लौटाने की जिम्मेदारी लेती है। यही वह पल था, जब हिनोजोसा को अहसास हुआ कि यह पुरानी पासबुक एक महंगे खजाने की चाबी हो सकती है।

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पासबुक का महत्व और ‘स्टेट गारंटी’ का नियम

हिनोजोसा ने पासबुक को गहरे से जांचा और पाया कि 1960 के दशक में उनके पिता ने घर खरीदने के लिए एक बैंक में लगभग 1.4 लाख रुपये (स्थानीय मुद्रा में) जमा किए थे। समय के साथ वह बैंक बंद हो गया, और परिवार ने इस जमा राशि को भूलकर जीवन की दौड़ में आगे बढ़ने का फैसला किया। हालांकि, “स्टेट गारंटी” के तहत यह पैसा सरकार की जिम्मेदारी थी। हिनोजोसा को यह बात समझ में आई और उन्होंने संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने पहले तो यह दावा खारिज कर दिया कि बैंक अब बंद हो चुका था और उस पर कोई दावा नहीं हो सकता।

सरकार से निराशा, फिर कानूनी रास्ता

जब हिनोजोसा ने सरकारी दफ्तरों से इस पैसे की वापसी की मांग की, तो शुरुआत में उनका दावा खारिज कर दिया गया। अधिकारियों का कहना था कि बैंक बंद हो चुका है, और अब इस पर कोई दावा नहीं किया जा सकता। लेकिन हिनोजोसा ने हार नहीं मानी। उन्होंने दृढ़ निश्चय के साथ कानूनी रास्ता अपनाया और कोर्ट में याचिका दायर की। यह कानूनी प्रक्रिया लंबी थी, लेकिन उनका संघर्ष बेकार नहीं गया। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि हिनोजोसा को न केवल मूल जमा राशि दी जाए, बल्कि उस पर 62 साल का ब्याज भी दिया जाए।

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62 साल का ब्याज और बदलती किस्मत

हिनोजोसा के पिता ने जो रकम जमा की थी, वह उस समय लाखों में थी, लेकिन जब उस पर 62 साल का ब्याज जोड़ा गया, तो यह राशि बढ़कर करीब 10 करोड़ रुपये (1.2 मिलियन डॉलर) हो गई। एक मामूली सी दिखने वाली पुरानी पासबुक ने अचानक हिनोजोसा को करोड़पति बना दिया। यह घटना न केवल हिनोजोसा के लिए, बल्कि उन सभी के लिए एक बड़ा सबक है, जो पुराने कागजों को बेकार समझकर फेंक देते हैं। इस कहानी ने यह सिद्ध कर दिया कि पुराने दस्तावेजों की अहमियत कभी भी कम नहीं होती।

महत्वपूर्ण सीखें: जागरूकता, धैर्य और कानूनी जानकारी

हिनोजोसा की यह कहानी न केवल किस्मत की है, बल्कि यह जागरूकता, धैर्य और कानूनी अधिकारों के सही उपयोग की मिसाल भी है। अगर हिनोजोसा ने उस पासबुक को फेंक दिया होता तो यह खजाना कभी सामने नहीं आता। यह साबित करता है कि जीवन में कभी-कभी छोटे फैसले, जैसे पुराने कागजों को फेंकने से पहले उन्हें अच्छी तरह से देखना, बड़े बदलाव ला सकते हैं।

इस कहानी से कुछ महत्वपूर्ण बातें निकलकर सामने आती हैं:

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घर में छुपा खजाना: जिंदगी बदलने की वजह

आजकल की तेज़-तर्रार जिंदगी में हम अक्सर पुराने दस्तावेज़ों और कागज़ों को बेकार समझकर फेंक देते हैं, लेकिन कई बार इनमें छुपी होती है एक बड़ी संपत्ति। हिनोजोसा की यह कहानी यह साबित करती है कि पुराने दस्तावेज़ों की अहमियत कभी भी कम नहीं होती। अगर समय रहते इनकी जांच की जाए, तो यह हमारे जीवन को नई दिशा और उम्मीद दे सकते हैं।

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