अब राजस्थान में 29 लाख लोगों को नहीं दिया जाएगा फ्री गेहूं, लाखों फर्जी लाभार्थी बाहर होंगे

राजस्थान में NFSA योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा: 29 लाख से अधिक अपात्र लाभार्थी उजागर

राजस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत चल रही मुफ्त गेहूं वितरण योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। राज्य सरकार द्वारा कराए गए आधार लिंकिंग और ई-केवाईसी (e-KYC) की प्रक्रिया में यह खुलासा हुआ है कि करीब 29.02 लाख लोग बिना किसी वैध दस्तावेज के योजना का लाभ उठा रहे थे। ये लोग हर महीने करोड़ों किलो गेहूं मुफ्त में प्राप्त कर रहे थे, जिससे सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा था।

अब इन सभी अपात्र नामों को योजना से हटाया जाएगा।


खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने दिए सख्त निर्देश

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा को जैसे ही यह रिपोर्ट मिली, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन लाभार्थियों ने अब तक अपनी केवाईसी पूरी नहीं की है, उन्हें स्वतः योजना से हटा दिया जाए। इसके साथ ही एक विशेष जांच दल यह भी पता लगाएगा कि ये लोग किस प्रक्रिया से योजना में शामिल हुए।

सरकार की मंशा स्पष्ट है—जो भी व्यक्ति अपात्र है, उसे योजना से बाहर किया जाए ताकि वास्तविक जरूरतमंदों को ही लाभ मिल सके


10 साल से कम उम्र के बच्चे और 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को अस्थायी छूट

सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए यह निर्णय भी लिया है कि जिन लाभार्थियों की उम्र 10 साल से कम या 70 साल से अधिक है, उन्हें फिलहाल योजना से बाहर नहीं किया जाएगा, भले ही उनकी KYC प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई हो।


जिला कलेक्टरों को दिए गए विशेष अधिकार

राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि पात्रता की प्रक्रिया निष्पक्ष हो, जिला कलेक्टरों को यह अधिकार सौंपे हैं कि वे पात्र नागरिकों को योजना में जोड़ सकें और अपात्रों को हटा सकें। नागरिक अपने नजदीकी कलेक्टर कार्यालय या विभागीय पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।

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गिवअप अभियान में उत्साहजनक भागीदारी

राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे “गिवअप अभियान” को भी लोगों का अच्छा समर्थन मिल रहा है। नवंबर 2024 से शुरू हुए इस अभियान में 16 लाख से अधिक लोगों ने स्वयं योजना से नाम हटवा लिया है, जिससे यह साबित होता है कि जागरूकता बढ़ रही है और लोग नैतिक जिम्मेदारी निभा रहे हैं।


डेडलाइन: 30 अप्रैल 2025 तक खुद हटें, वरना वसूली होगी

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि 30 अप्रैल 2025 तक यदि कोई अपात्र व्यक्ति स्वयं योजना से नहीं हटता है, तो सरकार 27 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं की रिकवरी करेगी। इसके अलावा उस पर ब्याज भी लगाया जाएगा, और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।


कौन-कौन हैं अपात्र?

योजना से अपात्र माने जाने वालों में वे लोग शामिल हैं:

  • जिनके परिवार में कोई सरकारी/अर्ध-सरकारी कर्मचारी है

  • जिन्हें 1 लाख रुपये सालाना से अधिक पेंशन मिलती है

  • जो निजी चौपहिया वाहन के मालिक हैं

  • जो आयकरदाता हैं

  • जिनकी मासिक पारिवारिक आय 1 लाख रुपये से अधिक है

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वास्तविक उद्देश्य: योजनाओं का लाभ सही हाथों में पहुंचे

फिलहाल योजना के तहत लगभग 4 करोड़ 46 लाख लोगों को मुफ्त गेहूं वितरित किया जा रहा है। लेकिन अब भजनलाल सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि योजना का लाभ सिर्फ असली जरूरतमंदों को मिले, ताकि सरकार का पैसा सही दिशा में खर्च हो और व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे।

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