सोने की कीमतें गिरेंगी ₹56,000 तक? अमेरिकी विश्लेषक की बड़ी भविष्यवाणी
सोना, जो सदियों से निवेश का सबसे सुरक्षित साधन माना जाता है, अब एक नई बहस का केंद्र बन चुका है। अमेरिकी विश्लेषक की भविष्यवाणी ने पूरे बाजार को हिला दिया है कि जल्द ही सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है और यह ₹56,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
Morningstar विश्लेषक का अनुमान: 38% की संभावित गिरावट
क्या कहता है अमेरिकी विश्लेषण?
हाल ही में, अमेरिका की जानी-मानी वित्तीय एजेंसी Morningstar के वरिष्ठ विश्लेषक जॉन मिल्स ने दावा किया है कि वैश्विक बाजार में बढ़ती आपूर्ति और घटती मांग के चलते सोने की कीमतों में 38% तक की संभावित गिरावट देखी जा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो भारत में सोने का दाम ₹56,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकता है।
“बाजार संतृप्ति और निवेशकों की सतर्कता सोने के मूल्य को नीचे की ओर धकेल सकती है।”
— जॉन मिल्स, Morningstar
₹56,000 प्रति 10 ग्राम: क्या वाकई सच हो सकती है यह भविष्यवाणी?
भारतीय बाजार में अभी सोने की कीमतें 24 कैरेट के लिए ₹90,380 और 22 कैरेट के लिए ₹82,850 प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रही हैं। ऐसे में ₹56,000 का आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला लगता है, लेकिन विश्लेषकों के मुताबिक इसके पीछे कई ठोस वजहें हैं:
1. डॉलर की मजबूती का प्रभाव
सोना आमतौर पर डॉलर में ट्रेड होता है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोने की कीमतें नीचे जाती हैं। फिलहाल अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में मजबूती देखी जा रही है।
2. अमेरिकी फेड की नीतियां
ब्याज दरों में बढ़ोतरी से निवेशक अन्य जगहों पर पैसा लगाना पसंद करते हैं, जिससे सोने में निवेश घटता है।
3. वैश्विक मांग में गिरावट
केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद में हाल के महीनों में सुस्ती देखी गई है। साथ ही, निवेशक क्रिप्टोकरेंसी और स्टॉक्स की ओर बढ़ रहे हैं।
बैंक ऑफ अमेरिका और गोल्डमैन सैक्स का पूर्वानुमान
जहां एक ओर गिरावट की बातें हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ एजेंसियां सोने में उछाल की भविष्यवाणी कर रही हैं।
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गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमतें $3,000 प्रति औंस तक जा सकती हैं।
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बैंक ऑफ अमेरिका ने इसे और आगे बढ़ाते हुए 2026 तक $3,350 प्रति औंस का आंकड़ा छूने की बात कही है।
“सोना अभी भी मुद्रास्फीति और आर्थिक अनिश्चितता से लड़ने का सबसे अच्छा हथियार है।”
— Bank of America रिपोर्ट
सोने में निवेश की रणनीति: क्या करें निवेशक?
H3: दीर्घकालिक निवेश बनाम तात्कालिक रणनीति
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यदि आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो गिरती कीमतों को एक अवसर मानें।
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड ETF, और डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्प चुनें।
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फिजिकल गोल्ड में निवेश करते समय मेकिंग चार्ज और स्टोरेज को भी ध्यान में रखें।
H3: निवेश से पहले क्या सोचें?
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भू-राजनीतिक जोखिम और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता को समझें।
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अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई रखें।
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निवेश से पहले फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
निष्कर्ष: सोने की कीमतों का भविष्य अस्थिर लेकिन रोचक
₹56,000 तक गिरने की भविष्यवाणी भले ही अभी चौंकाने वाली लगे, लेकिन मौजूदा वैश्विक संकेतकों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जहां एक ओर मॉर्निंगस्टार गिरावट की ओर इशारा कर रहा है, वहीं गोल्डमैन सैक्स और बैंक ऑफ अमेरिका उछाल की उम्मीद जता रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q. क्या ₹56,000 तक वाकई गिर सकता है सोना?
A. हां, कुछ अमेरिकी एजेंसियों का अनुमान है कि वैश्विक मंदी और डॉलर की मजबूती के चलते ऐसा संभव है।
Q. अभी सोना खरीदना चाहिए या रुकना चाहिए?
A. अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं तो गिरावट को अवसर मान सकते हैं, लेकिन शॉर्ट टर्म में सतर्क रहें।
Q. कौन-से निवेश ऑप्शन सबसे बेहतर हैं?
A. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड ETF, और डिजिटल गोल्ड फिलहाल सबसे सुरक्षित माने जा रहे हैं।
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